जरूरतों का बोझ

मैले कुचैले धोती कुर्ते में एक बूढ़ा आदमी लकड़ियों और आटे दाल से लदी साइकिल को ले के सड़क के बीचों बीच खड़ा हो गया I वक्त था शाम का, सभी का अपने काम से लौटने का वक्त . उस…